बहुत बहुत शुक्रिया,अल्लाउद्दीन

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अल्लाउद्दीन

बहुत बहुत शुक्रिया
मेरे दोस्त....
मीटे मीटे यादों को दोहरेने
के लिए.....

अभी भी जिन्दा दिल है
प्यार और भाईचारा
प्यलाने के लिए...

चलो देखते है
और कितने ख़ुशी
के पल बखी है...

मैने तो......
इबादत तो किया....
ग़ालिब की थरहा.....
हर आम पे
नाम ढूंढ़ता रहा...

अल्लाहुथाला...
क्या अंजाम देते 
ऊपर जानेके बादमे ही
पता चलेगा...

जब आप सब दोस्तों को
ढूंढगे खुशियों के खेल मे...

पर 

आप सब को ढेर सारे
खुशिया
नवाझे....
फिर कह रह हु
आप सब
को

?ईद मुबारक़ ?

अल्लाउद्दीन

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